JP, Renaissance & Dastan-E-Pakistan Combo
Original price was: ₹647.00.₹499.00Current price is: ₹499.00.
जेपी, रिनेशाँ और दास्तान-ए-पाकिस्तान डॉ प्रवीण झा की किताब है । प्रवीण झा वर्तमान में नॉर्वे में विशेषज्ञ चिकित्सक हैं । लेकिन इन्हे अपनी रचनाओं में कठिन चीजों को भी आसानी से समझा पाने की कला है । इतिहास को केन्द्र में रखकर लिखी गई यह तीनो पुस्तक इतनी रुचिकर है कि आप सहज ही आनंदित हो उठेंगे । भारतीय नवजागरण, जेपी के समाजवाद और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद के इतिहास को समझने के लिये इससे अच्छी पुस्तक इतनी आसान भाषा में अन्य कहीं मिल पाना मुश्किल है ।
काँम्बो के रूप में यह तीनों पुस्तक पाठकों के विशेष मांग पर एक साथ उपलब्ध है ।
All books are shipped within 2-3days of receiving an order
Description
जेपी, रिनैशाँ और दास्तान-ए-पाकिस्तान कॉम्बो
जयप्रकाश नारायण की कहानी आज़ादी से पूर्व और आज़ादी के बाद लगभग बराबर बँटी है।
जे पी को समझना देश को समझने के लिए एक आवश्यक कड़ी है। अगस्त क्रांति के नायक जिनका जीवन एक क्रांतिकारी मार्क्सवादी से गुजरते हुए गांधीवाद और समाजवाद के मध्य लौटता है, और पुनः एक लोकतांत्रिक क्रांति के बीज बोता है। एक ऐसे नायक की कथा जिनके स्वप्न और यथार्थ के मध्य एक द्वंद्व रहा, और कहीं ना कहीं यह देश भी उसी द्वंद्व से आज तक गुजर रहा है।
************************************************************************************************************
रिनैशाँ अगर यूरोप में हुआ, तो भारत में यह एक सतत प्रक्रिया रही। यह मानना उचित नहीं कि भारत उस समय सो रहा था।
पेशे से डॉक्टर लेकिन मन से लेखक प्रवीण झा की यह किताब भारतीय इतिहास में रूचि रखने वालों के लिये एकदम सटीक किताब है । शोधार्थी भी इस पुस्तक से निश्चित ही लाभान्वित होंगे ।
************************************************************************************************************
पाकिस्तान का इतिहास अक्सर विभाजन के इर्द-गिर्द भटक कर रह जाता है। जबकि यह एक देश के बनने की शुरुआत ही थी। 1947 के बाद पाकिस्तान का सफ़र कैसा रहा? किन-किन मील के पत्थरों से गुजरा? उन रास्तों में क्या-क्या मुश्किलें आयी? भारत में पढ़ाए जा रहे इतिहास, और पाकिस्तान में पढ़ाए जा रहे इतिहास में जो स्वाभाविक अंतर है, उस से अलग एक तीसरा बिंदु भी ढूँढा जा सकता है। वह बिंदु, जहाँ से शायद वह चीजें भी नज़र आए, जो इन दोनों देशों के रिश्तों के सामने धुंधली पड़ जाती है।
Reviews
There are no reviews yet.