Garbhnal by Manjit Thakur
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एक दुर्घटना का शिकार हुए अभिजीत को अचानक पता लगता है कि उसकी जिंदगी से सात साल गायब हो चुके हैं. इन सात सालों में दुनिया बदल गई थी, देश-समाज-सरकार में परिवर्तन आ गया था और बदल गए थे लोग! उसकी प्रेमिका मृगांका भी किसी और हो चुकी थी. अभिजीत की जिंदगी में अब गिनती की सांसे बची हैं और तब वह गृहनगर और पैतृक इलाके में अपनी जड़ों की खोज-यात्रा में निकल पड़ता है. वह अपने अंतिम दिनों में उन इलाकों को एक बार देख लेना चाहता है जहां उसका बचपन गुजरा है. और तब उसको उन स्थानों के लोकदेवता (डेमी-गॉड्स) प्रत्यक्ष दिखने लगते हैं. साथ ही, वह वर्तमान और अतीत की सदेह यात्रा करने लगता है. उसके जीवन बचाने की एक दैवीय शर्त होती है, जिसको पूरा करने के लिए आगे आती है उसकी प्रेमिका मृगांका, जो अब भी उसकी प्रतीक्षा में होती है.
Description
झारखंड के मधुपुर में जन्मे मंजीत ठाकुर मूलतः मिथिला के गांव ठाहर के निवासी हैं और पेशे से पत्रकार हैं. संप्रति वह दिल्ली में रहते हैं और इन दिनों आवाज- द वॉयस के डिप्टी एडिटर हैं. मंजीत ने आइआइएमसी, नई दिल्ली से रेडियो और टीवी पत्राकारिता में डिप्लोमा हासिल किया और फिर भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान, पुणे से फिल्म की पढ़ाई की. उन्होंने दो दशक पहले अपनी पत्रकारीय यात्रा की शुरुआत नवभारत टाइम्स से की और फिर डीडी न्यूज़ में लंबा वक्त बिताया. उसके बाद वह इंडिया टुडे पत्रिका और फिर पॉकेट एफएम में कंटेंट हेड (मेल) रहे. उन्होंने विभिन्न जनजातीय समुदायों की समस्याओं पर एक किताब ‘ये जो देश है मेरा’ लिखी है, जो विस्थापन की पीड़ा और उससे उपजने वाले मानवीय संघर्षों पर है. उनकी तीन कहानियां अंग्रेजी में अनूदित होकर ‘स्टोरीवाला’ शीर्षक संग्रह में प्रकाशित हुई है. वह ‘फलक’ कहानी संग्रह के संपादक रहे हैं. इसके अलावा, उन्होंने एक ऑडियो नॉवेल ‘रॉबिन’ भी लिखा है जो स्टोरीटेल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. मंजीत ने दूरदर्शन में राजनैतिक, पर्यावरण, सामाजिक मसलों पर जमकर रिपोर्टिंग की है और बहुत सारी डॉक्यूमेंट्रीज बनाई. मशहूर स्टोरीटेलर नीलेश मिसरा के लिए उन्होंने पचास से अधिक कहानियां लिखी हैं. मंजीत ने बहुत सारी ऑडियो सीरीज भी लिखी हैं जिनमें ऑडिबल के लिए ‘हमलावर’, और अन्य मंचों के लिए ‘भारत की रानियां’, ‘योद्धा’, सावन ऐप के लिए ‘परमवीर चक्र’, ‘टाइम मशीन’ आदि शामिल हैं. लेखक ने बहुत सारी किताबों का अनुवाद भी किया है. वीएस नायपॉल की द लॉस ऑफ एल दोरादो, द नाइटवॉचमैन्स अक्युरेंस बुक ऐंड अदर कॉमिक स्टोरीज, एपीजे अब्दुल कलाम की आरोहण, प्रणय रॉय की भारतीय जनादेश, अश्नीर ग्रोवर की दोगलापन, भूपेंद्र यादव और इला पटनायक की ‘भाजपा का अभ्युदय’ समेत चौदह किताबें शामिल हैं. इसके अलावा, विजय त्रिवेदी की किताब ‘संघम शरणम गच्छामि’ और प्रखर श्रीवास्तव की किताब ‘हे राम’ का संपादन भी उन्होंने किया है.
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