Ujale ki Or

189.00

मिन्नी मिश्रा की पहचान एक ऐसे स्‍वतंत्र लेखिका के रूप में है जिनकी कहानियों में स्‍त्री विमर्श का स्‍वर मुखर होकर निकलता है । इनकी कई सारी कहानियाँ विभिन्‍न मंचों पर प्रकाशित हो चुकी है । साथ ही साथ आकाशवानी पटना में भी इनकी कहानियों का पाठ हो चुका है । अहा जिंदगी, सुरभि, नूतन कहानियाँ, हिन्दुस्तान आदि कई पत्र-पत्रिकाओं में इनकी कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी है ।

प्रस्तुत किताब 83 लघुकथाओं का संग्रह है जिसमें स्त्री विमर्श का स्‍वर मुखरता से उभर रहा है । इन कहानियों में ज्यादातर कामकाजी महिलाओं का चित्रण हुआ है ।

 

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978-81-963166-5-5

Description

मिन्नी मिश्रा की पहचान एक ऐसे स्‍वतंत्र लेखिका के रूप में है जिनकी कहानियों में स्‍त्री विमर्श का स्‍वर मुखर होकर निकलता है । इनकी कई सारी कहानियाँ विभिन्‍न मंचों पर प्रकाशित हो चुकी है । साथ ही साथ आकाशवानी पटना में भी इनकी कहानियों का पाठ हो चुका है । अहा जिंदगी, सुरभि, नूतन कहानियाँ, हिन्दुस्तान आदि कई पत्र-पत्रिकाओं में इनकी कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी है ।

प्रस्तुत किताब 83 लघुकथाओं का संग्रह है जिसमें स्त्री विमर्श का स्‍वर मुखरता से उभर रहा है । इन कहानियों में ज्यादातर कामकाजी महिलाओं का चित्रण हुआ है ।

 

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