fiction

Chal Raha Manushy Hai

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Chal Raha Manushy Hai

Original price was: ₹199.00.Current price is: ₹189.00.
आज आम आदमी निराश है, हताश है। वह इस कदर परेशान है, मानों जीने के लिए वह कर चुका रहा हो। वह अपनी सारी लघुता के बावजूद अपनी बेहतरी के लिए संघर्षरत है। इस क्रम में वह टूटता है, बिखरता है और फिर स्वयं को समेटकर चल पड़ता है। दूसरी तरफ, यह भी निर्विवाद सत्य है कि मनुष्य वस्तुतः क्षणों में जीता है। एक क्षण का सत्य दूसरे क्षण के सत्य से भिन्न होता है। इसीलिए, इस संग्रह में उन छोटे- छोटे क्षणों को भी पकड़ने का प्रयास किया गया है। ये कविताएँ विगत एक दशक में अलग-अलग समयों एवं मनःस्थिति में लिखी गयी हैं। यूँ तो ये कविताएँ लेखक के आत्मपीड़ा से उपजी हैं, लेकिन इनमें आम आदमी का जीवन-संघर्ष ध्वनित हुआ है। इसीलिए इस संकलन का शीर्षक "चल रहा मनुष्य है" रखा गया है। उम्मीद है कि ये कविताएँ पाठकों के हृदय को स्पर्श कर पाने में सफल होंगी, क्योंकि इन कविताओं में उन्हें अपने ही संघर्षों की प्रतिध्वनि सुनाई पड़ेगी।
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