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Mutton Dilruba, Shubham Upadhyay, Story Book, Hindi Story Books,

Non Fiction

Mutton Dilruba (Pre-Order)

Original price was: ₹249.00.Current price is: ₹239.00.
Shubham Upadhyay is a story writer of a completely different tone in the Hindi literary world. There are total 18 stories in his story collection 'Mutton Dilruba'. The entire collection introduces the readers to a new effect and experience. His stories are related to Indian Muslim life. In all the discussions on Hindi stories, it has often arisen that very little has been written on everyday Muslim life and characters in Hindi literature. This is true also. In such a situation, what Shubham Upadhyay has done is auspicious for the entire literary world. हिंदी साहित्य जगत में एक बिल्कुल भिन्न स्वर के कहानीकार हैं शुभम उपाध्याय। उनके इस कहानी संग्रह ‘मटन दिलरुबा’ में कुल 18 कहानियाँ हैं। पूरा संग्रह एक नयी तासीर और अनुभवबोध से पाठकों को परिचित कराता है। इनकी कहानियों का सम्बन्ध भारतीय मुस्लिम जीवन से है। हिंदी कहानियों पर होनेवाली तमाम चर्चाओं में यह बात अक्सर उठती रही है कि हिंदी साहित्य में रोजमर्रा के मुस्लिम जीवन और किरदारों पर बहुत कम लिखा गया है। यह सच भी है। ऐसे में शुभम उपाध्याय ने जो कर दिखाया है, वह पूरे साहित्य जगत के लिए शुभ है। Expected Time of Shipment - 17th of March' 22    
Kennedy Badalti Duniya Ka Chashmadeed

History

Kennedy Badalti Duniya Ka Chasmadeed

Original price was: ₹249.00.Current price is: ₹239.00.

जॉन एफ केनेडी को केंद्र में रख कर अमेरिका के इतिहास का लेखन

यह किताब अमेरिका के बनने से लेकर, वहाँ के गृह युद्ध, दोनों विश्व युद्ध से गुजरती शीत युद्ध तक आती है। भारत से अमेरिका के सम्बन्ध और भारत चीन युद्ध पर विशेष अंश हैं। अमेरिका के नस्लवाद और मार्टिन लूथर किंग की कहानी तो है ही, केनेडी का जीवन और मृत्यु भी इसकी रोचकता का महत्वपूर्ण अंश है। साथ ही साथ मर्लिन मुनरो और अमरीकी माफ़िया की कहानी इसे एक अलग दुनियाँ में ले जाती है। This book will be dispatched within 7 Days of placing an order
Mithila Ki Ranbhumi, Mithila, Mantunma, Sunil Kumar Bhanu,

History

Mithila Ki Ranbhumi

Original price was: ₹249.00.Current price is: ₹248.00.
"मिथिला की रणभूमि" मिथिला के योद्धाओं की शौर्य गाथा को आप तक लाने का प्रयास है । विदेह से लेकर खण्डवला राजवंश तक के युद्ध इतिहास को इसमें दिखाने का प्रयास किया गया है । यह पुस्तक एक दस्तावेज ही नहीं बल्कि सुधी पाठकों के लिए उनके शक्तिशाली अतीत का एक सम्पूर्ण ज्ञानकोष भी साबित होगा ।" Expected Time of Delivery: Within 10-14 Days
Mujhmen Dilli Basta hai

Fiction

मुझमें दिल्ली बसता है

Original price was: ₹299.00.Current price is: ₹248.00.
मुझमें दिल्ली बसता है सनीश का जन्म  1986 में, जहानाबाद बिहार में हुआ था तथा वे अभी बिलासपुर (छतीसगढ़) में रहते हैं । उनकी कहानियाँ सोशल मीडिया व ऑनलाइन प्लेटफर्म्स पर पसंद की जाती रही है । सनीश ने हिन्दी साहित्य में पीएचडी की है । उन्हे यूजीसी जूनियर रिसर्च फ़ेलोशिप (जेआरएफ) तथा अनुवाद में गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा सिल्वर मेडल प्राप्त है । उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से कम्युनिकेशन व आईआईएम कोलकाता से बिजनेस लीडरशिप पर कोर्स किया है । वे कोल इंडिया में पब्लिक रिलेशंस ऑफ़ि‍सर की नौकरी कर रहे हैं और इससे पहले इंडियन एयर फोर्स में काम किया है । लिखने के अलावा उन्हे रंनिग पसंद है । वे देश के विभिन्न  हिस्सों में होने वाले मैराथन में भाग लेते रहते हैं । मुझमें दिल्ली बसता है । सनीश की कहानी संग्रह की नई किताब है । सनीश ने पुरे मनोयोग से कहानियों को लिखा है जिसका हरेक पात्र आपको अपने आप से जुड़ा लगेगा । कहानी में रस और प्रवाह है तथा यह पाठकों को निश्चित रूप से पसंद आयेगी ।  
Bihar Ke Vyanjan by Ravishankar Upadhyay

Non Fiction

Bihar Ke Vyanjan – Sanskriti Aur Itihas

Original price was: ₹299.00.Current price is: ₹249.00.
This book will be dispatched within 7 Days of placing an order बिहारी खानपान का बेहद समृद्ध इतिहास रहा है. मगध साम्राज्य में जब बिहार लंबे समय तक सत्ता का केंद्र रहा तो यहां से शासन करनेवाले महान सम्राटों ने यहां के व्यंजनों को राज्याश्रय प्रदान किया. इसी कारण प्राचीन राजगृह के इर्दगिर्द आज भी व्यंजनों पर निर्भर कस्बे मौजूद हैं, चाहे वह खाजा के बेमिसाल स्वाद वाला सिलाव हो या पेड़ा बनाने वाला निश्चलगंज.
JP and Renaissance

History

JP & Renaissance Combo

Original price was: ₹398.00.Current price is: ₹299.00.
जेपी और रिनेशाँ डॉ प्रवीण झा की किताब है । प्रवीण झा वर्तमान में नॉर्वे में विशेषज्ञ चिकित्सक हैं । लेकिन इन्‍हे अपनी रचनाओं में कठिन चीजों को भी आसानी से समझा पाने की कला है । इतिहास को केन्द्र  में रखकर लिखी गई यह दोनों पुस्तक इतनी रुचिकर है कि आप सहज ही आनंदित हो उठेंगे । भारतीय नवजागरण ओर जेपी के समाजवाद को समझने के लिये इससे अच्छी  पुस्तक इतनी आसान भाषा में अन्य कहीं मिल पाना मुश्किल है । काँम्बो के रूप में यह दोनो पुस्तक पाठकों के विशेष मांग पर एक साथ उपलब्ध है । All books are shipped within 2-3 days of receiving an order.
Inca, Aztec & Maya - Mesoamerican Indians Ka Itihas

History

Inca, Aztec & Maya – Mesoamerican Indians Ka Itihas

Original price was: ₹350.00.Current price is: ₹299.00.
This book will be dispatched within 7 Days of placing an order America is a superpower in the modern world, but who lived there centuries ago? What was the civilization that Columbus considered Indian? Were they also at par with other civilizations of the world?
BHU Ke Sansthapak Kaun ?

History

This book will be dispatched within 7 Days of placing an order
Based on historical documents, this book reveals the history of the establishment of BHU, the first denominational university in India. यह पुस्तक ऐतिहासिक दस्तावेजों के आलोक में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी की स्थापना के इतिहास को सामने लाती है, साथ ही स्थापना से जुड़े ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की भूमिका पर पुनर्विचार करती है। इस किताब में बीएचयू की स्थापना से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रतियाँ भी संलग्न हैं।
Moh Maithili Upnyas By Dr. Sunita Jha

Fiction

मोह – मैथिली उपन्यास

Original price was: ₹399.00.Current price is: ₹319.00.
यह प्री ऑर्डर है । किताब 25 जून से भेजी जायेगी । उपनिषदक आदेश अछि- “प्रजातन्तुं मा व्यवच्छेत्सीः” अर्थात् ओहि प्रजा-सूत्र केँ नहि तोड़ी। की थिक ई प्रजासूत्र? पिता, पितामह, प्रपितामह, पुत्र, पौत्र, प्रपौत्र आ एकर बीचक पीढ़ीपर ठाढ़ स्वयं ओ व्यक्ति- इएह सात पीढ़ी एक ईकाई थीक। ओकर बीच सम्बन्ध आ ओकर संसार प्रजातन्तु थीक, जकरा ‘मोह’ जोड़ने रहैत अछि। ई मोह जतेक मजबूत रहत, ओ प्रजा-तन्तु ओतेक निस्सन रहत। एही मोहकेँ अक्षुण्ण रखबाक आदेश देल जाइत अछि। इएह मोह एहि उपन्यासक केन्द्रीय भाव थीक आ उपन्यासक नायकक नाम सेहो। आइ उन्नतिक मोल पर परिवार टुटि रहल अछि। ग्लोबलाइजेशन एकटा सुरसा जकाँ सभटा सम्बन्ध आ मोहकेँ गीड़ि रहल अछि। एक दिस वृद्ध-वृद्धाक लेल बनल आश्रम सभ विकास कए रहल अछि तँ दोसर दिस बाबाक सारा पर लागल आमक गाछ सुखा रहल अछि। एहि ‘कंट्रास्ट’क बीच ई उपन्यास आगाँ बढ़ैत अछि आ एही ‘क्लाइमैक्स’ पर आबि एकर अंत सेहो भए जाइत अछि। बीचमे कतेको मोह अबैत अछि– अपन लोथ भाइक लेल वीणाक मोह, अपन दारूपीबा भाइक जीवन बचएबाक लेल वीणाक मोह, अपन भाउजिकेँ अतीतमे देल गेल वचनक पालन करबाक लेल विवश पंडितजीक मोह, बालाक विवाह नीक जकाँ करएबाक लेल कटिबद्ध मोहक मोह– सभटाक मोहक जालकेँ नीकसँ बिनैत, ओकर तानी-भरनी केँ सक्कत बनबैत मोह आ वीणा एहि उपन्यासक नायक-नायिका बनल अछि। प्रकाश, कनक आ आन कतेको देयाद-बाद एकरा नहिं निमाहि सकल छथि। ई उपन्यास आदर्शवादी अछि। अन्हारमे दीप जरएबाक काज करैत अछि। उपन्यासमे सभठाम आशावाद छैक, ओहि प्रजातन्तुकेँ सक्कत बनएबाक प्रयास छै। वीणा अपन पुस्तैनी डीह पर गाछ लगबैत छथि, एही आशासँ जे विदेशमे रहैत हुनक धियापुता छुट्टीमे किछुओ दिनक लेल गाम आओत आ ओही सूत्रसँ बँधाएल रहत। उपन्यासक क्लाइमैक्समे मोह जखनि ओहि प्रजातन्तुकेँ सक्कत होइत देखैत छथि तँ निश्चिन्त भए जाइत छथि आ बाबाक सारा पर सबा सए वर्ष पूर्वक लागल गाछ केँ तिलांजलि दैत छथि, किएक तँ हुनका छह टा गाछ रोपबाक सार्थकता भेटि जाइत छनि, अपन पौत्र सभक लेल, अपन भविष्यक लेल। आइ टुटैत समाज, टुटैत परिवारक बीच सभकेँ मोहक बंधनमे जोड़बाक लेल संघर्ष करैत मोहक प्रति वीणाक शब्दमे लेखिकाक उक्ति सार्थक छनि- “बड़ सोचि कए अहाँक नाम पूर्वजलोकनि रखलन्हि। गाम-घर, सर-समाज, बन्धु-बांधव, पूर्वज, संतति, गाछ-वृक्ष, पशु-पक्षी सभमे अहाँक नाम अछि।” इएह मोह उपन्यासकेँ सार्वजनिक बनबैत अछि, व्यापक बनबैत अछि आ साहित्य बनबैत अछि।
Garbhnal Manjit Thakur

Fiction

Garbhnal by Manjit Thakur

Original price was: ₹399.00.Current price is: ₹349.00.
एक दुर्घटना का शिकार हुए अभिजीत को अचानक पता लगता है कि उसकी जिंदगी से सात साल गायब हो चुके हैं. इन सात सालों में दुनिया बदल गई थी, देश-समाज-सरकार में परिवर्तन आ गया था और बदल गए थे लोग! उसकी प्रेमिका मृगांका भी किसी और हो चुकी थी. अभिजीत की जिंदगी में अब गिनती की सांसे बची हैं और तब वह गृहनगर और पैतृक इलाके में अपनी जड़ों की खोज-यात्रा में निकल पड़ता है. वह अपने अंतिम दिनों में उन इलाकों को एक बार देख लेना चाहता है जहां उसका बचपन गुजरा है. और तब उसको उन स्थानों के लोकदेवता (डेमी-गॉड्स) प्रत्यक्ष दिखने लगते हैं. साथ ही, वह वर्तमान और अतीत की सदेह यात्रा करने लगता है. उसके जीवन बचाने की एक दैवीय शर्त होती है, जिसको पूरा करने के लिए आगे आती है उसकी प्रेमिका मृगांका, जो अब भी उसकी प्रतीक्षा में होती है.
Social History of Mithila

History

Social History of Mithila

Original price was: ₹350.00.Current price is: ₹349.00.
With a fresh perspective, the book’s core strength lies in its use of hitherto untapped source material for reconstructing a relatively neglected period of Mithila’s history, 14th to 16th century. The period is significant for Maithil society as the social divisions crystallized in new forms. The book particularly focuses on two groups—Maithil Brahmins and Karna Kayasthas—to study this crystallization. Towards this end, the author elaborately discusses ‘panji’ texts (the corpus that deal with genealogical records of specific sections of maithil Brahmins and kayasthas). Perhaps, this was the first time, a historian used Panji accounts in such a detailed manner when the book was orginally written as a doctoral thesis in 1969.