J P : Nayak Se Loknayak Tak

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जयप्रकाश नारायण की कहानी आज़ादी से पूर्व और आज़ादी के बाद लगभग बराबर बँटी है।
जे पी को समझना देश को समझने के लिए एक आवश्यक कड़ी है। अगस्त क्रांति के नायक जिनका जीवन एक क्रांतिकारी मार्क्सवादी से गुजरते हुए गांधीवाद और समाजवाद के मध्य लौटता है, और पुनः एक लोकतांत्रिक क्रांति के बीज बोता है। एक ऐसे नायक की कथा जिनके स्वप्न और यथार्थ के मध्य एक द्वंद्व रहा, और कहीं ना कहीं यह देश भी उसी द्वंद्व से आज तक गुजर रहा है।

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Description

जे पी : नायक से लोकनायक तक – पुस्तक परिचय

जयप्रकाश नारायण की कहानी आज़ादी से पूर्व और आज़ादी के बाद लगभग बराबर बँटी है।
जे पी को समझना देश को समझने के लिए एक आवश्यक कड़ी है। अगस्त क्रांति के नायक जिनका जीवन एक क्रांतिकारी मार्क्सवादी से गुजरते हुए गांधीवाद और समाजवाद के मध्य लौटता है, और पुनः एक लोकतांत्रिक क्रांति के बीज बोता है। एक ऐसे नायक की कथा जिनके स्वप्न और यथार्थ के मध्य एक द्वंद्व रहा, और कहीं ना कहीं यह देश भी उसी द्वंद्व से आज तक गुजर रहा है।

मुख्य अंश:
★ सिताब दीयारा, बलिया (Sitab Diara, Balia)

★ गांधी (Gandhi)

★ असहयोग आंदोलन (Non Cooperation Movement)

★ अमेरिका में जे पी (J P in America)

★ ग़दर (Ghadar)

★ कोंग्रेस (Congress)

★ भारत छोड़ो आंदोलन अगस्त क्रांति (Quit India Movement 1942 August Revolution)

★ भूदान (Bhoodan)

★ विनोबा भावे (Vinoba Bhave)

★ चम्बल के डकैत (Chambal Dacoits)

★ सम्पूर्ण क्रांति (Total Revolution)

★ इमर्जेंसी (Emergency)

★ इंदिरा गांधी (Indira Gandhi)

★ जनता पार्टी (Janta Party)

★ जन संघ (Jan Sangh)

ISBN

9788194984511

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